The 5-Second Trick For Shodashi
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The Mahavidyas certainly are a profound expression in the divine feminine, each representing a cosmic function in addition to a route to spiritual enlightenment.
वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—
Her representation is just not static but evolves with inventive and cultural influences, reflecting the dynamic character of divine expression.
Probably the most revered amid these may be the 'Shodashi Mantra', which can be reported to grant equally worldly pleasures and spiritual liberation.
The devotion to Goddess Shodashi can be a harmonious blend of the pursuit of splendor and the quest for enlightenment.
यत्र श्री-पुर-वासिनी विजयते श्री-सर्व-सौभाग्यदे
She is a component from the Tridevi and also the Mahavidyas, representing a spectrum of divine femininity and affiliated with both equally gentle and intense elements.
॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥
॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरी पञ्चरत्न स्तोत्रं ॥
नाना-मन्त्र-रहस्य-विद्भिरखिलैरन्वासितं योगिभिः
प्रणमामि महादेवीं मातृकां परमेश्वरीम् ।
ह्रीं ह्रीं ह्रीमित्यजस्रं हृदयसरसिजे भावयेऽहं भवानीम् ॥११॥
॥ ॐ क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल read more ह्रीं स क ल ह्रीं श्रीं ॥
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।